ओ सी डी क्या है? (A, B, C, D, E, F) OCD – Obsessive-Compulsive Disorder

OCD

आपके न चाहने पर भी आपके विचारो का जरुरत से ज्यादा आना या दिमाग मे अजीबोगरीब विचार आनाआप एक ही चीज को बार बार छूते, गिनते हैं अथवा एक ही कार्य को बार-बार करते हैं जैसे कि हाथों को बार-बार धोना, किसी स्थिति को बार बार चेक करना और उसके बारें में संदेह बना रहना जैसे कि ताला ठीक से बंद हुआ की नहीं, नोटों को बार बार गिनना तो आपको ओ सी डी (OCD) हो सकता है।

A- ओ सी डी (OCD)

होने पर कैसा लगता है ?

Patient -1 “मुझे दूसरे लोगों से बीमारी हो जाने का भय बना रहता है। मैं कीटाँणुओं के संक्रमण से बचने के लिए घंटों घर की सफाई में व्यतीत करती है और अपने हाथों दिन में कई बार धोती रहती हूँ। जहाँ तक सम्भव हो मैं घर से बाहर नही निकलती। जब मेरे पति और बच्चे घर वापस आते हैं तो मैं वो कहाँ-कहाँ गये थे इस बात की विस्तृत जानकारी लेती हूँ कि वो किसी खतरनाक जगह जैसे अस्पताल तो नही गये। मैं उनसे उनके कपड़े उतार देने और भली-भाँति नहाने के लिए कहती हूँ। कभी-कभी मुझे अहसास होता है कि मेरे भय निरर्थक है। मेरे परिवार वाले इन बातों से बहुत परेशान हैं लेकिन इस परेशानी को इतना लम्बा समय हो गया है कि मैं इसको रोक नही सकती।”

Patient -2 “मेरा पूरा दिन जाँच पड़ताल मे व्यतीत होता है कि कुछ गड़बड़ न हो। मुझे सुबह घर से बाहर निकलने में अत्यधिक समय लग जाता है क्योंकि मैं सशंकित रहता हूँ कि मैने सारी खिड़कियाँ और विद्युत उपकरण बन्द किए हैं कि नहीं ,मै पाँच- छह बार देखता हूँ कि मैने गैस बन्द की है या नही पर फिर भी मुझे ठीक नही लगता तो मुझे सारे काम दुबारा से करने पड़ते हैं। अन्त मे मैं अपने सहकर्मियों से सारी चीजे दुबारा से जाँचने के लिए कहता हूँ। मैं अपने काम में भी सबसे पीछे रहता हूँ क्योंकि मैं काम को बार- बार करता हूँ। ताकि मुझसे कोई गलती न हो। अगर मैं ऐसा न करूँ तो मुझे असहनीय घबड़ाहट होती है। मुझे पता है कि यह बेवकूफी है लेकिन मैं ऐसा सोचता हूँ कि मुझसे कोई भयंकर भूल हो गयी तो मैं उसका जिम्मेदार होऊँगा।

Patient -3 “मुझे डर लगता है कि मैं अपनी बच्ची को नुक्सान न पहुँचा दूँ। मैं जानती हूँ कि मैं यह नही करना चाहती हूँ लेकिन बुरे विचार मेरे दिमाग में बार-बार आते रहते हैं। मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि कही मैं उसे चाकू न मार दूँ। इन विचारों से मुक्ति पाने का एक ही तरीका है कि मैं प्रार्थना करूँ और अच्छे विचार मन में लाऊँ जैसे कि “मैं जानती हूँ कि मैं उससे बहुत प्यार करती हूँ तब मैं थोड़ा सा अच्छा महसूस करती हूँ जब तक कि दुबारा मेरे दिमाग में वही भयानक तस्वीरें न आयें। मैने अपने घर की सारी नुकीली चीजें और चाकू छुपा दिए हैं। मैं अपने बारे में सोचती हूँ कि “मैं बहुत ही खराब माँ हूँ जो ऐसा सोचती हूँ। मैं अवश्य ही पागल हो जाऊँगी।“

Patient -4- मुझे बहुत ज्यादा विचार आते हैं मैं किसी भी समय विचारों के बिना नहीं रह पाता , मुझे अक्सर ये लगता है कि मेरे विचार बढ़ते बढ़ते बहुत असामान्य हो जाते हैं कभी कभी इन विचारों को लेकर मुझे बहुत शर्म भी आती है क्यूंकि ये विचार मैं दूसरों के सामने व्यक्त नहीं कर सकता

Patient -5- मुझे दूसरों के सामने बोलने से बहुत डर लगता है मुझे लगता है कि मेरी बोली हुई बातों को कोई रिकॉर्ड न कर ले और उसके बाद मेरे खिलाफ उन बातो को इस्तेमाल करे , मुझे हर बात में ये शक बना रहता है कि मैं जो भी बोल रहा हूँ उसे कोई अपने से ना जोड़ले और मुझसे कहने लगे कि कहने लगे कि मैंने उसके बारे में ये सब कहा है, मुझे पूरी तरह से मालूम है कि ये मेरा भ्रम है पर इन सब कि वजह से मैं हमेशा आशंकित रहता हूँ, मैं शब्दों को बहुत चुन चुन कर प्रयोग करता हूँ बस हर समय ये डर लगता है कि मेरे शब्दों का कोई गलत मतलब न निकाले |

B- ओ सी डी (OCD)

के तीन मुख्य भाग होते हैं ?1 विचार जो आपको चिन्तित करते हैं। (आब्सेशन)2 चिन्ता/घबराहट जो आप महसूस करते है। (भावनाएं)3 वो कार्य जो आप अपनी चिन्ता को कम करने के लिए करते हैं (कम्पल्शन)

1. आप क्या सोचते हैं :-(आब्सेशन) ?विचार एक शब्द, वाक्य या ध्वनि जो बुरी लगती हो, परेशान करती हो अथवा ईर्ष्या या निन्दापूर्ण हो। आप उसको न सोचने की कोशिश करते हैं लेकिन आप ऐसा कर नहीं पाते। आप चिन्ता करते हैं कि आप को कोई संक्रमण (कीटाणु, धूल या एच आई वी द्वारा या कैंसर) न हो जाय या आपकी लापरवाही से किसी को नुकसान हो सकता है। दिमाग में तस्वीरें जो दिखाती हैं कि आपके परिवार में किसी की म्रृत्यु हो गयी है, या आप उग्र व्यवहार कर रहे है। सेक्स सम्बन्धी जो आपके व्यक्तित्व से मेल न खाती हो, चाकू भोकतें हुये या गाली देते हुये या धोखाधड़ी करते हुये। हम जानते है कि जिन लोगों की आब्सेशन होता है वे उग्र नही होते, ना ही विचार के अनुरूप काम करते हैं।संदेह/शंका आप घंटों विस्मित रहते कि कही आपसे कोई एक्सीडेंट तो नही हो गया या आपसे किसी को नुक़सान पहुंचाया आप चिन्तित रह सकते हैं कि अपनी कार से किसी को टक्कर मार दी है या आपने अपने घर की खिड़की और दरवाजे खुले छोड़ दिये हैं।चिन्तायें आप अपने आप से लगातार बहस करते हैं कि इस कार्य को करुँ या उस कार्य को करुँ। इस प्रकार आप छोटा सा निर्णय भी नहीं कर पाते।पूर्णतावाद दूसरे लोगों की अपेक्षा आप ज्यादा परेशान हो जाते हैं यदि चीजे बिल्कुल सही ढंग से सही अनुपात में या सही जगह पर न हो। उदाहरण के लिए अगर किताबें अलमारी ठीक ढंग से न रखी हों।

2. घबराहट जो आप महसूस करते है :-(भावनायें) आप तनावग्रस्त, परेशान, भयभीत, अपराधबोध से ग्रसित या दुखी महसूस करते हैं

3 कम्पलशन : आब्सेशन को सुधारने वाले विचार आप के मन में वैकल्पिक प्रभावहीन करने वाले विचार आते हैं जैसे बार-बार गिरना, प्रार्थना करना या किसी विशेष शब्द को पढ़ना।- कर्मकांड (प्रथा) : आप अपने हाँथ बार-बार धोते है, काम को सावधानीपूर्वक और धीरे-धीरे करते हैं चीजों को व्यवस्थित करते है और किसी कार्य को कुछ विशेष तरीके से करते हैं। आपको कही जाने और किसी कार्य को सफलपूर्वक करने में अत्यधिक समय लगता है।- जाँच : अपने शरीर के सदूषण की, कि विद्युत उपकरणोंस्च बन्द है घर में ताले बन्द हैं अथवा सफर का रास्ता सुरक्षित है या नही।- परहेज : जो चीज आपको बुरे विचारों की याद दिलाये। की आप परहेज करते है किसी चीज को छूने से कुछ विशेष स्थानो पर जाने से कोई खतरा मोल लेने से या कोई जिम्मेदारी लेने से । उदाहरण के लिए आप रसोईघर में नहीं जाना चाहते क्योंकि आप जानते हैं कि वहाँ चाकू मिलेगी।- एक्त्रित करना : निरर्थक और खराब वस्तुएँ। आप कुछ भी चीज फेक नहीं पाते हैं।- आश्वासन : आप दूसरों से बार-बार पूछते हैं कि सब कुछ ठीक है या नही।अगर आप कम्पल्सिवली जुआ खेलते हैं, खाते या पीते हैं तो क्या आपको ओ सी डी है ?- नहीं कभी-कभी उन लोगों को आब्सेसिव या कम्पल्शिव कहा जाता है। जो लोग जुआ खेलते हैं,शराब पीते हैं, नशीली दवाइयां इस्तेमाल करते हैं, या ज्यादा व्यायाम करते हैं लेकिन इस तरह का व्यवहार आन्नदायी भी हो सकता है। ओ सी डी के कम्प्लशन में कभी भी आनन्द की अनुभूति नही होती है और उनको हमेशा अप्रिय आवश्यकता या बोझ लगते हैं।

C- ओ सी डी

कितना बुरा हो सकता है? इसमें बहुत भिन्नता है अगर आपको लगातार ओ सी डी से लड़ना नही पड़ता तो आपके कार्य सम्बन्ध और पारिवारिक जीवन अधिक फलदायी एवं संतोषजनक हो सकता है। गम्भीर ओ सी डी में लगातार काम करना अपने पारिवारिक जीवन में भाग लेना और परिवार के साथ रहना असम्भव हो सकता है। विशेषकर अगर आप उनको भी अपने कर्मकाण्ड में शामिल करते हैं तो वो परेशान हो जाते हैं।ओ सी डी से मिलती जुलती परेशानियाँ- बाडी डिस्मार्फिक डिसआर्डर (Body Dysmorphic Disorder) या काल्पनिक बदसूरती से तनाव आप विश्वास करते हैं कि आपके चेहरे के भाग या शरीर की बनावट सही नही है और उसको जाँचने के लिए घंटों शीशे के सामने खड़े रहते हैं या छुपाने का प्रयास करते है। यहाँ तक कि आप बाहर निकलना ही बन्द कर देते हैं।-अपने बालों या भौहों को नोचने की लालसा (ट्राइकोटिलोमेनिया) -गम्भीर शारीरिक बीमारी का भय जैसे कि कैन्सर (हाइपोकान्ड्रियसिस)-टूरेट सिन्ड्रोम वाले लोगों को (जहाँ ग्रसित व्यक्ति अचानक चीखता है या अनियन्त्रित झटके आते हैं) अक्सर ओ सी डी भी आते हैं।-कुछ विशेष किस्म के आटिस्म से ग्रसित बच्चे जैसे कि एस्पर्जर सिन्ड्रोम ओ सी डी से प्रभावित लग सकते हैं क्योंकि वे एक ही तरह की जाँच पसन्द करते हैं और एक ही काम को बार-बार करना चाहते हैं जिससे उनको कम घबराहट होती है।

D-ओ सी डी

कब शुरू होती है? बहुत से बच्चों को मामूली कम्प्लशन होते हैं। वे अपने खिलौने बहुत ही सुव्यवस्थित रखते हैं और फर्श की दरारों पर पैर रखने से बचते हैं ये प्रायः बच्चों के बड़े होने पर खत्म हो जाता है। व्यस्क ओ सी डी अक्सर किशोरावस्था या 20-25 साल पर शुरू हो जाता है। लक्षण समय के साथ आ और जा सकते है लेकिन ग्रसित लोग मदद नही ढूँढते जब तक उनको कईसालों तक ओ सी डी ना रहे।बिना इलाज या मदद के क्या सम्भावनायें हैं?मामूली ओ सी डी वाले बहुत से लोग बिना इलाज के ही बेहतर हो जाते हैं। मध्यम से गम्भीर तीव्रता के ओ सी डी वालों में साधारणतया ऐसा नही होता है लेकिन किसी-किसी समय उनके लक्षण खत्म होते प्रतीत होते हैं। कुछ लोगों की स्थिति धीरे-धीरे खराब होती है जब कि लोगों के लक्षण तनाव या उदासी के समय बढ़ जाते हैं। इलाज प्रायः मददगार होगा।

E-ओ सी डी

के क्या कारण हैं? जीन्स : ओ सी डी कभी-कभी आनुवांशिक होता है इसलिए कभी-कभी पीढ़ी दर पीढ़ी चल सकता है।- तनाव: एक तिहाई लोगों में यह जीवन की तनाव पूर्ण घटनाओं में हो सकता है।-जीवन में बदलाव : जिस दौरान अचानक जिम्मेदारी आती है जैसे यौवनारम्भ,बच्चे को जन्म देना या नयी नौकरी।

F-ओ सी डी

का निदान लगभग १० में से ६ लोग दवा से बेहतर होते है सामान्यतः उनके लक्षण घट कर आधे हो जाते है एन्टी ओब्शेसनल दवायें जब तक इस्तेमाल कर और यहां तक उसके कई साल बाद तक भी ओ सी डी वापस आने से रोकती है दुर्भाग्यवश 2 में से 1 लोग जो दवा बन्द कर देते है उन्हें 1 माह के अन्दर ही पुनः लक्षण आ जायेंगे इसके दुबारा होने की सम्भावना कम होती है अगर दवाओं के साथ सी बी टी दी जायें।

By: Dr R.K. Thukral

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